Mahesh Mishra

Mahesh Mishra is a Founder of Arth Enterprises. Arth Enterprises owned 30+ Website & Apps. \

Tuesday, March 3, 2020

आय (Income Source) बढ़ाने पर ध्यान दे न की बचत (Saving) पर।

लोग अक्सर कहते है अगर आप बचत नहीं करोगे तो आपका भविष्य ख़राब होगा।

माफ़  कीजिये, पर मुझे ऐसा बिलकुल नहीं लगता।

आप बचत (Saving) कीजिये ये बहोत जरुरी है मगर अपनी आय के साधन (Income Source) भी बढ़ाये।

आप जॉब करते है या कोई बिज़नेस करते हैं। आप हर महीने एक तय रकम अपने घर ला रहे हैं और उसमे से थोड़ी बहोत बचत कर रहे है।

पर क्या आप खुश है ?

यकीन मानिये आप सबका उत्तर "नहीं " ही होगा।

क्योकि हम सब जानते है पैसे हमेशा कम ही लगते हैं।


चलिए समझते है - अगर आप हर महीने लगभग ५० हजार कमाते है और सब ख़र्चे पकड़ ले मतलब बच्चों की स्कूल फीस, घर के ख़र्चे और बाकि तरह के सभी खर्चे पकड़ के आप हर महीने ४० हजार खर्च करते है और १० हजार की बचत करते हैं।  मतलब आप हर महीने अपनी आय का २० प्रतिशत बचते है जो की बहोत ठीक भी लगता है।

पर क्या यह सच में होता है ? क्या आप सच में बहोत पैसे बचाते है?

आय बढ़ाने के लिए आप क्या कर सकते है, यह आप सोचिये की आप के आस-पास आपकी आय बढ़ाने (Income Source) के कौन-कौन से साधन उपलब्ध है ?

उदाहरण के लिए बताता हूँ - मेरे बगल में एक अंकल है जो नाईट शिफ्ट में चौकीदारी करते है शाम ७ बजे से सुबह ७ बजे तक। जिसमे उन्हें ८ हजार महीने के मिलते है।  ये अंकल का परिवार उत्तर प्रदेश में है और ये यहाँ अकेले ही अपने दोस्तों के साथ रहते है जहाँ पर वो हर महीने १५०० रुपये किराया देते है।

यहाँ तक सब ठीक ही है ना दोस्तों ?

अब सुनिए उनकी पूरी दिन-चर्या।

ये चौकीदारी के साथ साथ उसी बिल्डिंग के ४ कुत्तो को सुबह ७.३० से ८.३० और शाम को ५ बजे से ६ बजे तक सैर कराते है और यहाँ से उन्हें पुरे ६ हजार रुपये मिलते है। और साथ ही उसी बिल्डिंग के ३ ऑफिस में साफ-सफाई का काम करते है और वहा से उन्हें ३ हजार रुपये मिलते है।


वो घर पर सुबह १० बजे से दोपहर ३ बजे तक आराम करना और खुद खाना बनाकर खाना खाने का काम करते है।

और दोपहर को एक वकील साहब के यहाँ १ घंटे के लिए साफ-सफाई करने जाते है। जहा से उन्हें १२०० रूपये मिलते हैं। इस तरह वो हर महीने १८२०० रुपये कमाते है।

और वो बहोत से लोगो की मदद भी करते है जिससे खुश हो कर लोग अपनी ख़ुशी से उन्हें पैसे, कपड़े और कभी कभी कुछ सामन भी देते है।

एक बात बताना भूल गया वो चौकीदार अंकल अनपढ़ है उनके माता-पिता ने उन्हें स्कूल नहीं भेजा पर उन्होंने अपने तीनों बच्चों को बहोत अच्छे से पढ़ा रहे हैं।

अगर वो चाहते तो एक ही काम से खुश रह सकते थे खुद की तरह ही अपने बच्चों को भी अनपढ़ रख सकते थे मगर उन्होंने अपनी आय बढ़ाई और अपना और अपने बच्चों का भविष्य बेहतर बनाने की कोशिश की।

इसीलिए आय के साधन बढ़ाये ताकि खुशियाँ खरीदी जा सके।

अगर आप को मेरा यह काम पसंद आया तो अपने परिवार और दोस्तों तक यह बात पहुँचाये।

आप सभी का धन्यवाद।

Please Like & Share with your Family & Friends,

Thank You.










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Monday, February 24, 2020

नौकरी के साथ करने लायक 30 व्यापार


नौकरी के साथ करने लायक 30 व्यापार की सूची बता रहा हूँ
  1. LIC जैसे बीमा कंपनी में बीमा एजेंट बन सकते हैं।
  2. म्यूच्यूअल फण्ड डिस्ट्रीब्यूटर बन सकते हैं।
  3. टैक्स फाइलिंग सीख कर लोगों के लिए टैक्स फाइलिंग सस्ते में कर सकते हैं।
  4. अमेज़न, फ्लिपकार्ट जैसी इ-कॉमर्स कंपनियों के साथ विक्रेता बन सकते हैं, और जो चीज़ आपको अपने शहर में सस्ते में मिले, उसे 20–30% मार्जिन रखकर ऑनलाइन बेच सकते हैं।
  5. सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर बन सकते हैं । इंस्टाग्राम, फेसबुक और ट्विटर पे अपने पसंद के विषय पर एक पेज बना कर उसमे पोस्ट करते हुए फॉलोवर्स बढ़ाइए, और कुछ समय बाद रोज़ पैसे कमाने का जरिया मिल जायेगा।
  6. एक गाडी खरीद लीजिये। ऑफिस जाने से पहले और ऑफिस से छुट्टी होने के बाद 3–4 घंटे अगर गाड़ी को ओला या उबेर से जुड़कर चलाते हैं तो गाड़ी की EMI निकलने के बाद आपके जेब में 10–15 हज़ार रुपये और बच जायेंगे।
  7. अगर गाड़ी चलानी नहीं आती तो बहुत सी कंपनियां हैं जिन्हे गाड़ियों की जरूरत होती है, जैसे रेलवे, रियल एस्टेट कंपनी, हॉस्पिटल, सरकारी दफ्तर इत्यादि, गाड़ी खरीदकर वहाँ लगा सकते हैं और महीने महीने भाड़ा कमा सकते हैं।
  8. स्टैंडअप कॉमेडियन बन सकते हैं। बैंगलोर और मुंबई जैसे शहर में कई लोग हैं जो नौकरी के साथ साथ अलग अलग क्लब में स्टैंडअप कॉमेडी करके पैसे कमाते हैं और वैकल्पिक करियर बनाते हैं।
  9. बच्चों को टयुशन पढ़ा सकते हैं, घर पर नहीं तो किसी कोचिंग इंस्टिट्यूट के साथ जुड़कर वीकेंड में पढ़ा सकते हैं।
  10. लैपटॉप और मोबाइल की रिपेयरिंग सीख कर इस से जुड़ा व्यापार कर सकते हैं।
  11. रियल एस्टेट एजेंट बन सकते हैं।
  12. फ़ूड फेयर में वीकेंड में मोमो या चाट का स्टाल लगाकर पैसे कमा सकते हैं।
  13. घर या फ्लैट खरीदकर उसको हॉस्टल या पीजी जैसा कुछ बना सकते हैं।
  14. किसी और का घर भाड़े पर लेकर उसको हॉस्टल या गेस्ट हाउस बना सकते हैं।
  15. गिटार या तबला सीख कर, एक साल अभ्यास करने के बाद जब आप खुद मास्टर बन जाएँ, तब गिटार और तबला सिखाने की ट्रेनिंग देकर पैसे कमा सकते हैं।
  16. फिजियोथेरेपी सीखकर घर से ही शाम को क्लिनिक जैसा चला सकते हैं।
  17. घर में ही एक लांड्री खोल सकते हैं, इसके लिए चाहिए 1–2 सेकंड हैंड वाशिंग मशीन और ड्रायर। हॉस्टल और फ्लैट्स में जहां विद्यार्थी और बैचलर्स रहते हैं, उनके कपड़े लांड्री करके पैसे कमा सकते हैं।
  18. जोमाटो और उबेर इट्स जैसे प्लेटफार्म पर छोटे मोठे ढाबे लिस्ट नहीं होते। आप किसी ढाबे से साझेदारी कर लीजिये जो आपको सस्ते में वेज थाली, चिकन थाली, बिरयानी इत्यादि दे सके। आप बस अपना एक ब्रांड बनाइये और उसका मेनू बनाकर जोमाटो पर लिस्ट कर दीजिये। जैसे जैसे डिनर के आर्डर आएंगे, आप ढाबे से खाना पैक करके अपने ब्रांड के पैकिंग में लोगों तक पहुंचा दीजिये। इसके लिए ना आपको कुक चाहिए और ना ही कोई स्टाफ। ऑफिस से आने के बाद भी यह काम किया जा सकता है।
  19. एंड्राइड एप्प बनाना सीख लीजिये। वेब डिजाइनिंग का ज़माना गया, अब लोग एंड्राइड एप्प बनवा रहे हैं।
  20. डिजिटल मार्केटिंग का सिर्फ 3 महीने का कोर्स होता है, यह कोर्स करके आप डिजिटल मार्केटिंग से जुड़ा कोई व्यापार कर सकते हैं।
  21. टेम्पो या मिनी ट्रक खरीदकर इसे किसी कंस्ट्रक्शन कंपनी को भाड़े पे सकते हैं।
  22. ऑनलाइन पोकर और रमी खेल सकते हैं।
  23. शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग कर सकते हैं।
  24. अपने मनपसंद विषय पर वीडियो बनाकर यूट्यूब चैनल बना सकते हैं।
  25. रद्दी का व्यापार कर सकते हैं। शाम को लोग आपके घर पर आकर रद्दी दे सकते हैं जिसके बदले आप उन्हें रद्दी वालों से ज्यादा पैसे दे सकते हैं। फिर रद्दी को आप आगे स्क्रैप डीलिंग कंपनियों को बेच सकते हैं।
  26. लोगों को सुबह सुबह योग सीखा सकते हैं, आजकल इसकी बहुत ज्यादा demand है। बस ऑफिस जाने से पहले दिन में २ घंटे लोगों को योग सिखाना है।
  27. एमवे जैसी नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी से जुड़ सकते हैं।
  28. नगर पालिका और पास के पुलिस थाने से इजाज़त लेकर आप घर से ही एक ऐसा एक छोटा सा खाने पीने का व्यापार कर सकते हैं। रात में जब साड़ी दुकानें बंद हो जाती है, तब आपके आउटलेट से लोग केक, बिस्कुट, कोल्ड ड्रिंक, सिगरेट, चिप्स इत्यादि लेने आएंगे। पूरी रात खोलने की जरूरत नहीं है। 11 बजे से 2 या 3 बजे तक काफी है।
  29. ऑफिस ख़तम होने के बाद आप किसी कॉल सेंटर के बाहर चाय और कॉफ़ी की छोटी सी मशीन लगाकर नाईट शिफ्ट में काम कर रहे लोगों को चाय कॉफ़ी पीला कर भी पैसे कमा सकते हैं।
  30. एडिटिंग (वीडियो एडिटिंग, साउंड इंजीनियरिंग, लोगो डिजाइनिंग, फोटोशॉप इत्यादी) का कोर्स करके आप नौकरी के साथ साथ इस से जुड़ा व्यापार कर सकते हैं।
जो भी काम करना है, रोग मुक्त होकर करना है। अरे वही सबसे बड़ा वाला रोग, 'क्या कहेंगे लोग'। इस रोग को बाजू में रखकर काम करना है। क्या पता कोई काम इतना बड़ा बन जाए की नौकरी ही करने की जरूरत ना पड़े।

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Thursday, February 6, 2020

वक्त बदलते वक्त नहीं लगता



हरियाणा के यमुनानगर जिले में दामला गाँव के निवासी धर्मबीर कम्बोज जो एक रिक्शाचालक थे और उन्होंने अथक परिश्रम करते हुए एक नया मुकाम हासिल किया जिन्हें देखकर कोई भी प्रेरित हो सकता…
भयंकर आर्थिक तंगी में बीते बचपन से जब धर्मबीर ने युवावस्था में कदम रखा और आटा पीसने से लेकर सरसों का तेल बेचने तक जो भी काम मिला उसे बड़ी हिम्मत से करते गये। विवाह हुआ तो कंधे पर बोझ और बढ़ गया। ऐसा लगने लगा के गाँव में रह कर दो वक्त की रोटी कमाना भी नामुमकिन है। गुज़र बसर के लिये दिल्ली जाने का कार्यक्रम बना। धर्मवीर बताते हैं के जब वह दिल्ली के लिये घर से निकले तो उनकी नवजात बिटिया केवल 3 दिनों की थी। जेब में कुल 70 रुपये थे जिसमें से 35 रुपये किराये में खर्च हो गये। कड़ाके की ठंड में दिल्ली पहुंचे और रोज़गार के लिये इधर उधर भटकना शुरू कर दिया। किसी की सलाह पर एक रिक्शा किराये पर ले लिया और दिन रात रिक्शा चलाना शुरू कर दिया।
एक दिन रिक्शा चलाते हुये किसी वाहन की चपेट में आ गये और ना चाहते हुये भी गाँव वापिस लौटने का निर्णय लेना पड़ा।
गाँव लौटे तो पैतृक ज़मीन पर खेती शुरू कर दी। पारम्परिक अनाज की खेती न करके सब्ज़ियाँ उगानी शुरू कर दी।मशरूम और स्ट्रॉबेरी की फसल लगाई तो कई गुणा मुनाफा हुआ। इसी बीच एक बार किसानों के एक समूह के साथ उन्हें राजस्थान के पुष्कर जाने का मौका मिला। सेल्फ-हेल्प ग्रुप से जुड़ी महिलाएँ खुद गुलाबजल बना रही हैं। वहां उन्होंने महिलाओं को आंवले के लड्डू भी बनाते देखा।
उन्हें समझ में आया कि कोई भी सब्ज़ी, फल, फूल आदि की खेती में फायदा तब है जब किसान अपनी उपज को सीधे बाज़ार में बेचने की बजाय उसकी प्रोसेसिंग करके और प्रोडक्ट्स बनाकर बेचे।
बचपन में धर्मबीर पढ़ाई में तो बढ़िया नहीं थे लेकिन जुगाड़ से छोटी-मोटी मशीन बनाने का शौक रखते थे।युवावस्था में कॉम्पोनेंट्स को जोड़ कर हीटर बनाकर बेच चुके थे। मशीनरी से उन्हें प्यार था। धर्मबीर ने एक ऐसी मशीन बनाने की ठान ली जिससे एलोवेरा, आंवला, तुलसी, आम, अमरुद आदि को प्रोसेस किया जा सके।
कुल 20,000 की लागत और 8 महीने के अथक परिश्रम और इनोवेशन की बदौलत इस रिक्शा चालक ने एक प्रोसेसिंग मशीन तैयार कर दी।
मशीन में 400 लीटर का ड्रम है जिसमें 1 घंटे में 200 लीटर एलोवेरा प्रोसेस कर सकते हैं। साथ ही इसी मशीन में आप कच्चे मटेरियल को गर्म भी कर सकते हैं। इस मशीन की एक ख़ासियत यह भी है कि इसे आसानी से कहीं भी लाया-ले जाया सकता है। यह मशीन सिंगल फेज मोटर पर चलती है और इसकी गति को नियंत्रित किया जा सकता है।
धर्मबीर ने इस मशीन को अपने खेत पर रखकर फार्म फ्रेश प्रोडक्ट बनाना शुरू किया। उन्होंने अपने खेत में उगने वाले एलोवेरा और अन्य कुछ सब्ज़ियों को सीधा प्रोसेस करके, उनके जैल, ज्यूस, कैंडी, जैम आदि प्रोडक्ट बनाकर बेचना शुरू कर दिया। एक फाउंडेशन की सहायता से धर्मबीर ने मशीन का 'पेटेंट' भी हासिल कर लिया।
इसी बीच साल 2009 में नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन ने उनको मशीन के आविष्कार के लिये सम्मानित किया। इसके बाद उनके बारे में जब कई अख़बारों में छपा तो उन्हें मशीन के लिए पूरे देश से ऑर्डर आने शुरू हो गए। मशीन की प्रोडक्शन बढ़ाने के लिये एक लघु उद्योग लगा लिया गया।
कहते हैं ऊपर वाला जब देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है। मशीन की मशहूरी केवल भारत तक सीमित नहीं रही बल्कि मशीन देश के बाहर जापान, दक्षिण अफ्रीका, केन्या, नेपाल और नाईज़ीरिया जैसे देशों से भी ऑर्डर आने लगे।
धर्मबीर आज करोड़ों में कमा रहें हैं। कभी रिक्शा का हैंडल संभालने वाले हाथ आज गाड़ी का स्टीयरिंग संभाल रहे हैं। धर्मबीर आज भी उन दिनों को याद कर के सिहर उठते हैं जब दिल्ली की कड़कती सर्दी पर उन्हें फुटपाथ पर सोना पड़ता था।
परंतु आज हालात बदल चुके हैं। अपने सपनों के पीछे भागते इस रिक्शाचालक से उद्योगपति बने कर्मठ व्यक्ति ने आज एक अंतरराष्ट्रीय ब्रैंड को स्थापित कर दिया है।
पूरे जुनून और पूरी शिद्दत से सपनों के पीछे दौड़ते रहना चाहिये क्योंकि 'वक्त बदलते वक्त नहीं लगता'!
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करसन भाई पटेल

कभी घर-घर जाकर साइकिल से बेचता था सामान, ऐसे खड़ी की 5500 करोड़ की कंपनी
शून्‍य से शिखर तक का सफर तय करने वाले करसनभाई पटेल आज लगभग 5,500 करोड़ रुपए की कंपनी के मालिक हैं. अपने व्‍यावसायिक सफर में उन्‍होंने देसी तो छोड़ि‍ए, टॉप विदेशी कंपनियों के भी पसीने छुड़ा दिए.
आज मैं आपको एक ऐसे शख्‍स की कहानी बता रहा हूँ , जिसका बचपन गरीबी में बीता, लेकिन अपनी संकल्‍पशक्ति और बेजोड़ रणनीति के दम पर उन्‍होंने भारतीय कॉरपोरेट जगत में वह ऊंचाई हासिल की, जिसकी अधिकांश लोग बस कल्‍पना ही कर पाते हैं.
यह कहानी है- गुजरात के एक साधारण किसान परिवार में जन्‍मे करसन भाई पटेल की.

गरीबी के कारण उनकी औपचारिक शिक्षा कुछ खास नहीं हो पाई. हालांकि लगन के धनी पटेल ने केमिस्‍ट्री में बीएससी करके हालात को संभालने के लिए एक लैब टेक्‍नीशियन की नौकरी कर ली. लेकिन उन्‍हें जल्‍द यह बात समझ में आ गई कि महज नौकरी से कुछ होने वाला नहीं है.
बस क्‍या था, उन्‍होंने नौकरी के साथ शुरू कर दिया अपना बिजनेस.
पटेल ने अपने घर के पिछवाड़े में डिटरजेंट बनाना शुरू किया और उस पाउडर की पैकेजिंग वे हाथ से ही करते थे. फिर ऑफिस से आने के बाद उन्‍होंने साइकिल चलाकर और घर-घर जाकर उसे बेचना शुरू किया. उस समय निरमा डिटरजेंट पाउडर की कीमत उन्‍होंने 3 रुपए प्रति किलो रखी.
जल्‍द उनका प्रोडक्‍ट हिट हो गया और उन्‍होंने इसका ब्रांड नैम अपनी बेटी के नाम पर निरमा रखा. इसके तीन साल बाद  पटेल ने अपनी नौकरी छोड़ दी. जल्‍द निरमा ब्रांड गुजरात और महाराष्‍ट्र में काफी लोकप्रिय हो गया. आज इस ब्रांड के तहत कई सारी इकाइयां काम कर रही हैं, जिनमें काम करने वालों की संख्‍या 15 हजार से भी अधिक है.
पटेल ने 1969 में वाशिंग पाउडर निरमा शुरू किया. उस वक्त कुछ गिनी-चुनी विदेशी कंपनियां ही डिटर्जेंट बना रही थीं.
इन सबके बीच निरमा की लोकप्रियता इसलिए बढ़ी, क्‍योंकि उसने हर पैकेट पर कपड़े साफ नहीं होने पर पैसे वापस करने की गारंटी देनी शुरू की.
इससे लोगों में इस पाउडर के प्रति भरोसा बढ़ गया और वे आसानी से इसे खरीदने लगे. कम कीमत के कारण भी इसके विस्‍तार में मदद मिली.
बाजार के अन्‍य प्रोडक्‍ट्स की तुलना में इसकी कीमत को उन्‍होंने सोझ-समझकर रखा. जब बाजार का सबसे सस्ता वाशिंग पाउडर 13 रुपए प्रति किलो था, तब निरमा पाउडर तीन रुपए प्रति किलो बिक रहा था.
चूंकि लोगों की चाह होती है कि उन्हें सस्ती और अच्छी चीज मिले, पटेल का फार्मूला इस चाहत में फिट बैठ गया.
फोर्ब्स ‌के अनुसार, एक साल में आठ लाख टन निरमा डिटर्जेंट बिकता है.
1995 में पटेल ने अहमदाबाद में ‘निरमा इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी’ की स्थापना की. इसके बाद एक प्रबंधन संस्थान की भी स्थापना की गई. बाद में दोनों संस्थान ‘निरमा यूनिवर्सिटी ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी’ के अंतर्गत आ गए.
आपका दिन शुभ हो ---और कोई सवाल हो तो टिप्पणी करें --धन्यवाद

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Wednesday, January 29, 2020

गुरु और शिष्य

एक राजा था. उसे पढने लिखने का बहुत शौक था. एक बार उसने मंत्री-परिषद् के माध्यम से अपने लिए एक शिक्षक की व्यवस्था की. शिक्षक राजा को पढ़ाने के लिए आने लगा. राजा को शिक्षा ग्रहण करते हुए कई महीने बीत गए, मगर राजा को कोई लाभ नहीं हुआ. गुरु तो रोज खूब मेहनत करता थे परन्तु राजा को उस शिक्षा का कोई फ़ायदा नहीं हो रहा था. राजा बड़ा परेशान, गुरु की प्रतिभा और योग्यता पर सवाल उठाना भी गलत था क्योंकि वो एक बहुत ही प्रसिद्द और योग्य गुरु थे. आखिर में एक दिन रानी ने राजा को सलाह दी कि राजन आप इस सवाल का जवाब गुरु जी से ही पूछ कर देखिये.
राजा ने एक दिन हिम्मत करके गुरूजी के सामने अपनी जिज्ञासा रखी, ” हे गुरुवर , क्षमा कीजियेगा , मैं कई महीनो से आपसे शिक्षा ग्रहण कर रहा हूँ पर मुझे इसका कोई लाभ नहीं हो रहा है. ऐसा क्यों है ?”
गुरु जी ने बड़े ही शांत स्वर में जवाब दिया, ” राजन इसका कारण बहुत ही सीधा सा है…”
” गुरुवर कृपा कर के आप शीघ्र इस प्रश्न का उत्तर दीजिये “, राजा ने विनती की.
गुरूजी ने कहा, “राजन बात बहुत छोटी है परन्तु आप अपने ‘बड़े’ होने के अहंकार के कारण इसे समझ नहीं पा रहे हैं और परेशान और दुखी हैं. माना कि आप एक बहुत बड़े राजा हैं. आप हर दृष्टि से मुझ से पद और प्रतिष्ठा में बड़े हैं परन्तु यहाँ पर आप का और मेरा रिश्ता एक गुरु और शिष्य का है. गुरु होने के नाते मेरा स्थान आपसे उच्च होना चाहिए, परन्तु आप स्वंय ऊँचे सिंहासन पर बैठते हैं और मुझे अपने से नीचे के आसन पर बैठाते हैं. बस यही एक कारण है जिससे आपको न तो कोई शिक्षा प्राप्त हो रही है और न ही कोई ज्ञान मिल रहा है. आपके राजा होने के कारण मैं आप से यह बात नहीं कह पा रहा था.
कल से अगर आप मुझे ऊँचे आसन पर बैठाएं और स्वंय नीचे बैठें तो कोई कारण नहीं कि आप शिक्षा प्राप्त न कर पायें.”
राजा की समझ में सारी बात आ गई और उसने तुरंत अपनी गलती को स्वीकारा और गुरुवर से उच्च शिक्षा प्राप्त की .

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खुद को बेहतर बनाने के टिप्स

लोग अक्सर दूसरों की कमी हमेशा देखते है पर क्या खुद पर कभी काम करते हैं? ऐसा क्यों होता है की लोगों को दूसरों की कमिया पता होती हैं पर खुद की कमिया देखना पसंद नहीं करते।
दूसरों को बेहतर बनाने से पहले आइए खुद को बेहतर बनाने पर काम करे।
खुद को बेहतर बनाने के टिप्स :
१) सबसे पहले अपने लक्ष्य को निर्धारित कीजिये : सबसे पहले हमें पता होना चाहिए की असलियत में हमें क्या चाहिए? अगर किसी मोटे इंसान को आप पूछूँगे तो वो यक़ीनन यही लक्ष्य बताएगा की उसे अपने शरीर पर काम कर के उसे पतला करना हैं।
उसी तरह किसी विद्यार्थी को पूछने पर उसका उत्तर होगा परीक्षा में अच्छे नंबर से पास होना जबकि किसी भी सेल्स एग्जीक्यूटिव का उत्तर होगा टारगेट पूरा करना।
इसीलिए सबसे पहले हमें अपना लक्ष्य लिखना होगा की हमें मेहनत क्यों करनी है ? तो चलिए अपना लक्ष्य लिख लीजिये।
२) टू – डू लिस्ट बनायें : टू – डू लिस्ट का मतलब है आप अपने लक्ष्य तक कैसे पहुंचेंगे ये अच्छी तरह लिख ले।
आप इसमें अपने हर दिन का ब्यौरा लिख सकते है या हर हफ्ते की प्लानिंग लिख सकते है।
३) खुद पर भरोसा रखें : “तू ये नहीं कर सकता।” “तुझे नहीं पता ये बेवकूफी वाला काम है” “तू बर्बाद हो जायेगा” “ये कभी मत करना” ये सब लाइन आप लोगों ने भी अपने दोस्त – रिश्तेदारों से सुनी होगी।
आपको हर कोई आ के फ्री की एडवाइस दे कर जायेगा पर आपको खुद पर विश्वास रखना है अगर आपने अपना लक्ष्य “पतला होना रखा है तो आप को हर रोज बिना किसी का सुने उस पर लगे रहना है। ”
हमेशा खुद पर भरोसा रखिये क्यों की आप के सिवा कोई नहीं जानता।
४) नकारात्मक लोगों से हमेशा दूर रहिये : नकारात्मक लोगों से मेरा मतलब है उन लोगो से दूर रहिये जिन्हे आपके लक्ष्य से कोई लेना देना नहीं है पर वे लोग अक्सर आपको नकारात्मक बाते बताते हो। लेकिन अगर कोई अनुभवी आपसे बाते करके आपको कुछ समझाये तो उसकी बाते सुन लेनी चाहिए क्यों की वो उसके अनुभव के बोल होंगे।
५) हमेशा सीखते रहिये : आपके लिस्ट में बेहतर इंसान कौन है ? क्या आप उन्हें फॉलो करते है अगर आप उन्हें जानते है या उनके बारे में पढ़ते है तो आपको पता होगा की वो हर दिन कुछ नया सीखते रहते है।
आपको भी हर दिन कुछ नया सीखना चाहिए आपके ही फिल्ड से जुड़ा हुआ।
अगर आपको मेरा ब्लॉग अच्छा लगा हो तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर कीजिये और ज्यादा जानकारी के लिए मुझे सोशल मीडिया पर भी फॉलो कीजिये।
पूरा ब्लॉग पढ़ने के लिए आप सभी का दिल से धन्यवाद।

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