Mahesh Mishra

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Thursday, March 19, 2020

एक छोटी सी ईगो - मोना सिंह और इक़बाल खान

ईगो- सिर्फ २ अक्षर का एक छोटा सा शब्द।

पर पूरी दुनिआ इस ईगो से सुरु और ईगो पर ही ख़त्म हो जाती हैं।

एक शार्ट फिल्म है - एक छोटी सी ईगो सिर्फ १२ मिनट की जिसमे मोना सिंह और इक़बाल खान है।



इक़बाल खान (विराज) पति है जो मोना सिंह (प्रिया) अपनी पत्नी से ३ साल पहले अलग हो चूका हैं।  ये उन दोनों के ईगो की कहानी हैं।

जो छोटी छोटी बातों पर लड़ते लड़ते ३ साल पहले अलग हो चुके है फिर अचानक एक दिन प्रिया एक कॉफ़ी शॉप के बाहर विराज को ऑटो से उतरते हुए दिखती हैं। विराज उसे देखकर चौक जाता है पर फिर तुरंत वो प्रिया से कॉफ़ी के लिए पूछता है।

प्रिया पहले टालती है पर फिर कॉफ़ी के लिए मान जाती हैं। जब दोनों कॉफ़ी के लिए बैठते है तब विराज खुद के लिए चाय और प्रिया के लिए कॉफ़ी का आर्डर देता हैं। तब प्रिया कहती है-" मैं अब चाय पीती हु। "

दोनों अपने मन में एक दूसरे को बहोत कुछ कहना चाहते है पर एक दूसरे से कुछ नहीं कहते बस शांति से चाय पिते है और मन में एक दूसरे को बीते ३ सालो में हुए बदलाव की बात करते रहते है, पर मन में।

जैसे विराज कहता है अपने मन में - "अब मुझसे भी दाल में नमक ज्यादा गिर जाता है, और टोस्ट जल जाते है बेवजह मैं तुम पर चिल्लाता था। "

वही प्रिया अपने मन में कहती है- "अब मैं एरोगेन्ट नहीं हु विराज, अब मैं सब से हस-बोल के बात करती हु। "

दोनों एक दूसरे को बहोत कुछ कहना चाहते है पर कहते कुछ भी नहीं।

कॉफ़ी ख़त्म होने पर जब प्रिया उठकर जाने लगती है तब वो अपने मन में कहती है -एक बार आवाज दे कर रोक लो  विराज, मैं भागी चली आउंगी। " बार-बार वो कहती रहती है एक बार आवाज देकर रोक लो विराज - पर ये सब वो अपने मन में ही बोलती रहती है।

और वही विराज भी अपने मन में कहता - " एक बार पलट जाओ प्रिया, मैं सॉरी बोल दूंगा अपनी सभी गलतियों की माफ़ी मांग लूँगा। "

पर फिर वही बात है - एक छोटा सा ईगो।

ना विराज रोकता है प्रिया को और ना ही प्रिया पलट कर देखती हैं।

और दोनों फिर से अलग हो जाते हैं। निचे वीडियो है एक छोटी सी ईगो पूरा देखिएगा।

ईगो आपका कभी कोई फायदा नहीं करवाता है वो सिर्फ आपको बर्बाद ही करता है लोगो से हमेशा के लिए दूर कर देता है।

ईगो की वजह से रिश्ते टूट जाते है कई बिज़नेस ख़त्म हो जाते है।

एक दूसरे से बात कीजिये हर समस्या का समाधान ढूढ़िये ना की अपने ईगो को बड़ा बना कर रिश्ते ख़त्म कर दीजिये।

मैं अक्सर कहता हु " गलती क्या थी ये गलती करने के बाद समझ में आया। "

मगर आपको दूसरे की गलती से भी तो सीखना चाहिए , जरुरी नहीं की हर गलती खुद कर के देखना है।

बाते कीजिये ईगो को दूर रखिये।


वीडियो यहाँ देखिये।






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Saturday, March 14, 2020

Start Own Blog for Passive Income with Blogger.com in 2020

Although there are a lot of ways for you to put your information onto the Internet, the service that is run by Blogger.com is by far one of the most convenient. It doesn't require you to invest any money and once you set up your own free blog, you are free to do with it as you please. If you're interested in making a little bit of money on your blog, that is also a possibility by using this free blogging service. Regardless of whether you are using it for money or not, however, the tips for bloggers really are the same. Here are a few to get you started.

The best thing that you can possibly do to get started with blogger.com is to read all of the information that is available on their website. They have taken a lot of time to walk you through every step of the process of setting up your blog and getting it rolling. That is one of the biggest tips for the blogger that I can possibly give you but it is also one that many people ignore. They tend to wait until things are almost beyond repair before they begin looking for somebody to help them repair them.

One of the reasons that the blogger is such a popular service is because it is owned by the search engine Google. Everybody wants to be listed on Google and you need to get their attention in order to make that happen. Simply by using a blogger, you have the opportunity of being recognized. They also have some tools on the back end which allow you to use RSS and pinging in order to gain recognition from the search engines as well.

There are a number of other tips for the blogger that you might want to use but it really all depends upon your goals that you are trying to achieve. For example, you can start up websites on various Web 2.0 properties and post your RSS feed in order to get some great backlinks. You may also want to try fooling around with the templates in order to find out what is going to convert the best for you. The same would also be true of any advertising, continue to test to see which works best for you. It is the best way for you to make sure that you are earning your full potential and receiving the traffic to your new blog at Blogger.com.

Wednesday, March 4, 2020

कोरोना वायरस की दहशत

चीन से सुरु हुआ कोरोना वायरस अब भारत में भी अपनी दस्तक दे चूका है और अब तक ३१ लोगों को अपनी चपेट में ले लिया हैं। कोरोना वायरस उत्तर प्रदेश, बिहार, के बाद अब दिल्ली के साथ और भी राज्यों में फैलते जा रहा हैं। भारत सरकार पूरी तरह सावधानी और सतर्कता बरत रही हैं।



साइबर सिटी के पेटीएम कार्यालय में कार्यरत दिल्ली के जनकपुरी निवासी अभिषेक कुमार में कोरोना वायरस की पुष्टि हो गई है। वह हाल ही में इटली से लौटे हैं। उनके स्वास्थ्य की जांच कराई गई, जिसमें कोरोना वायरस की पुष्टि हो गई।

दुनिया भर में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सऊदी अरब ने एक बड़ा फैसला लिया है। सऊदी अरब ने मक्का में आने वाले तीर्थयात्रियों पर रोक लगा दी है। यह रोक स्थानीय नागरिकों पर भी होगी। ‘उमरा’ यात्रा पर प्रतिबंध कब तक जारी रहेगा, इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है। यह फैसला पवित्र शहर मक्का और मदीना में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए उठाया गया है। सउदी प्रेस एजेंसी ने आंतरिक मामलों के मंत्रालय की ओर से जारी बयान के हवाले से यह जानकारी दी है।

सरकारी सूत्रों के अनुसार दक्षिणी दिल्ली के एक होटल में रह रहे 3 भारतीय और 21 इटली के नागरिकों को आईटीबीपी कैंप में जांच के लिए शिफ्ट किया गया। कल सभी के टेस्ट का रिजल्ट आएगा। इटली के 8 पुरुष और 13 महिलाएं और उनके गाइड, ड्राइवर और हेल्पर को आईटीबीपी कैंप में शिफ्ट किया गया।

कोरोना वायरस के खतरे के चलते अखिल भारतीय फुटबॉल संघ (AIFF) ने अंडर 16 नेशनल टीम का तजाकिस्तान दौरा रद्द किया।

कोरोना वायरस के लक्षण सामने आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र को सूचना दें। स्वास्थ्य मंत्रालय के 24 घंटे चलने वाले कंट्रोल रूम के फोन नंबर 011-23978046 या ईमेल पते ncov2019@gmail.com के जरिए भी अपनी आशंकाओं का समाधान कर सकते हैं।

कृपया यह मैसेज अपने सभी दोस्त और रिश्तेदारों के साथ शेयर करे।

अगले ब्लॉग में कोरोना वायरस के लक्षण और निदान की बात लिख रहा हु तो आप सब जरूर पढ़े।


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Naval Ravikant

नवल रविकांत की ये लाइन बहोत कुछ कहती है।

कमाई, अपने दिमाग से कीजिये न की अपने समय से। - नवल रविकांत 

ये शब्द पढ़ते ही मुझे मेरी एक कहानी याद आयी जो आज मैं आप लोगों के साथ शेयर करना चाहूंगा।

ये कहानी ४ साल पुरानी हैं।

मीना जो मुंबई की झोपड़पट्टी में अपने परिवार के साथ रहती थी। मीना सरकारी स्कुल की ८ वी क्लास में पढ़ती थी। और वो इस बात से दुखी थी की उसे ज्यादा समय अपने परिवार के साथ बिताने नहीं मिलता है और उसके ऊपर उसके छोटे भाई और बहन की जिम्मेदारी है।

मीना की माँ बिल्डिंग में कुछ घरों में घरकाम करती है और उसके पिताजी दूर दूसरी बिल्डिंग में चौकीदारी करते है। पिताजी शाम को ७ बजे घर से जाते और दूसरी सुबह ९ बजे घर आते और खाना खा के सो जाते शाम को फिर तैयार हो के अपने काम पर चले जाते।

और माँ भी सुबह से शाम तक दूसरों के घर के काम करने में व्यस्त रहती थी।

मीना छोटे से अपने घर में अपने भाई-बहन का ख्याल रखती और अपनी पढ़ाई करती।  एक दिन मीना ने अपनी माँ से पूछ लिया "माँ, क्या हम पूरी जिंदगी ऐसे ही जियेंगे?"

ये सवाल सुनते ही माँ ने मुस्कुराते हुए मीना को देखा और पूछा "क्यों, क्या हुआ है? सब ठीक ही तो चल रहा है। "

"नहीं, कुछ ठीक नहीं चल रहा है। मेरे सभी दोस्त हर रविवार अपने परिवार के साथ कही ना कही घूमने जाते है पर हम कभी भी कही नहीं गए। और मैं पूरा दिन घर पर अकेली ही भाई-बहन के साथ रहती हूँ। मुझे यह पसंद नहीं। "

"मीना, अगर मैं और तुम्हारे पिताजी काम पर नहीं जायेंगे तो हमारे घर का खर्च कैसे चलेगा ?" माँ ने कहा।

"माँ, क्या हम सब मिलकर कोई ऐसा काम नहीं कर सकते जिससे हमारा घर खर्च भी चले और हम सब एक साथ ज्यादा वक़्त साथ रह सके?" मीना ने माँ से पूछा।

"नहीं, क्योंकि मैं और तेरे पिताजी तो अनपढ़ है हमें कोई और काम नहीं मिलेगा और हमें दूसरा कोई काम आता भी नहीं है तो हम क्या कर सकते है। " माँ ने मीना से कहा।

"ठीक है माँ, पर मुझे लगता है हमें कुछ नया काम करना चाहिए। " मीना ने माँ से कहा।

कुछ दिनों तक मीना ने आस-पास नए काम की तलाश करती रही पर बच्ची होने की वजह से उसे कोई काम नहीं मिला।

पर एक दिन उसने एक फ़ूड स्टाल के यहाँ थोड़ा वक़्त खड़े रह कर देखा की यहाँ पर बहोत लोग खाना खाने के लिए रुक रहे है तो क्यों ना मैं और माँ भी खाना बनाने का काम शुरू करे ? मीना ने सोचा।

मीना ने पूरा किस्सा माँ को बताया, और कहा- माँ, आप अच्छा खाना बनाती हो तो क्यों न हम खाना खिलाने का ही काम करे।

पर हमारे पास पैसे कहा है ? - माँ ने कहा।

हम छोटी सुरुवात कर के काम सुरु कर सकते है। हमारे आस-पास तो बहोत लोगो को खाना चाहिए होता हैं।

पांच हजार रुपये से मीना ने अपनी माँ के साथ मिल कर खाने का बिज़नेस सुरु किया।  बहोत तकलीफो के बाद उनका बिज़नेस अच्छे से चलने लगा। और एक के बाद एक मीना ने अपने परिवार के साथ मिलकर और भी जगह पर खाने  का बिज़नेस सुरु किया।

इस तरह मीना ने अपने परिवार की किस्मत बदल दी।

कमाई, अपने दिमाग से कीजिये न की अपने समय से।

आप को अगर ये कहानी पसंद आये तो अपनों के साथ जरूर शेयर करें।

धन्यवाद।





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Tuesday, March 3, 2020

आय (Income Source) बढ़ाने पर ध्यान दे न की बचत (Saving) पर।

लोग अक्सर कहते है अगर आप बचत नहीं करोगे तो आपका भविष्य ख़राब होगा।

माफ़  कीजिये, पर मुझे ऐसा बिलकुल नहीं लगता।

आप बचत (Saving) कीजिये ये बहोत जरुरी है मगर अपनी आय के साधन (Income Source) भी बढ़ाये।

आप जॉब करते है या कोई बिज़नेस करते हैं। आप हर महीने एक तय रकम अपने घर ला रहे हैं और उसमे से थोड़ी बहोत बचत कर रहे है।

पर क्या आप खुश है ?

यकीन मानिये आप सबका उत्तर "नहीं " ही होगा।

क्योकि हम सब जानते है पैसे हमेशा कम ही लगते हैं।


चलिए समझते है - अगर आप हर महीने लगभग ५० हजार कमाते है और सब ख़र्चे पकड़ ले मतलब बच्चों की स्कूल फीस, घर के ख़र्चे और बाकि तरह के सभी खर्चे पकड़ के आप हर महीने ४० हजार खर्च करते है और १० हजार की बचत करते हैं।  मतलब आप हर महीने अपनी आय का २० प्रतिशत बचते है जो की बहोत ठीक भी लगता है।

पर क्या यह सच में होता है ? क्या आप सच में बहोत पैसे बचाते है?

आय बढ़ाने के लिए आप क्या कर सकते है, यह आप सोचिये की आप के आस-पास आपकी आय बढ़ाने (Income Source) के कौन-कौन से साधन उपलब्ध है ?

उदाहरण के लिए बताता हूँ - मेरे बगल में एक अंकल है जो नाईट शिफ्ट में चौकीदारी करते है शाम ७ बजे से सुबह ७ बजे तक। जिसमे उन्हें ८ हजार महीने के मिलते है।  ये अंकल का परिवार उत्तर प्रदेश में है और ये यहाँ अकेले ही अपने दोस्तों के साथ रहते है जहाँ पर वो हर महीने १५०० रुपये किराया देते है।

यहाँ तक सब ठीक ही है ना दोस्तों ?

अब सुनिए उनकी पूरी दिन-चर्या।

ये चौकीदारी के साथ साथ उसी बिल्डिंग के ४ कुत्तो को सुबह ७.३० से ८.३० और शाम को ५ बजे से ६ बजे तक सैर कराते है और यहाँ से उन्हें पुरे ६ हजार रुपये मिलते है। और साथ ही उसी बिल्डिंग के ३ ऑफिस में साफ-सफाई का काम करते है और वहा से उन्हें ३ हजार रुपये मिलते है।


वो घर पर सुबह १० बजे से दोपहर ३ बजे तक आराम करना और खुद खाना बनाकर खाना खाने का काम करते है।

और दोपहर को एक वकील साहब के यहाँ १ घंटे के लिए साफ-सफाई करने जाते है। जहा से उन्हें १२०० रूपये मिलते हैं। इस तरह वो हर महीने १८२०० रुपये कमाते है।

और वो बहोत से लोगो की मदद भी करते है जिससे खुश हो कर लोग अपनी ख़ुशी से उन्हें पैसे, कपड़े और कभी कभी कुछ सामन भी देते है।

एक बात बताना भूल गया वो चौकीदार अंकल अनपढ़ है उनके माता-पिता ने उन्हें स्कूल नहीं भेजा पर उन्होंने अपने तीनों बच्चों को बहोत अच्छे से पढ़ा रहे हैं।

अगर वो चाहते तो एक ही काम से खुश रह सकते थे खुद की तरह ही अपने बच्चों को भी अनपढ़ रख सकते थे मगर उन्होंने अपनी आय बढ़ाई और अपना और अपने बच्चों का भविष्य बेहतर बनाने की कोशिश की।

इसीलिए आय के साधन बढ़ाये ताकि खुशियाँ खरीदी जा सके।

अगर आप को मेरा यह काम पसंद आया तो अपने परिवार और दोस्तों तक यह बात पहुँचाये।

आप सभी का धन्यवाद।

Please Like & Share with your Family & Friends,

Thank You.










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Monday, March 2, 2020

क्या, घर खरीदना सबसे बड़ी बेवकूफी होती हैं ?

ये सवाल अक्सर लोग मुझसे पूछते हैं की- क्या, घर खरीदना सबसे बड़ी बेवकूफी हैं ??

जी हां , घर खरीदना सबसे बड़ी बेवकूफी होती हैं पर यह इस बात पर लागु होती है की आप घर कहा और कितने रुपये में खरीद रहे हो।

मैं एक उदाहरण देना चाहता हु- अगर आप मुंबई में रहते है तो आप जानते है मुंबई में खुद का घर खरीदने में आपकी पूरी जिंदगी गुजर जाती है और घर के लोन की किस्ते चुकाने के लिए घर के सभी लोगों को बहोत मेहनत करनी पड़ती हैं।

मेरे दो दोस्त है- उन दोनों के पास ४०-४० लाख रुपये थे। उन दोनों ने बहोत साल तक मुंबई में भाड़े के घर में दिन गुजारे थे।

एक यादव जी जिन्होंने अभी अभी पवई में खुद का घर ख़रीदा है मात्र १ करोड़ ८० लाख रुपये में, उन्होंने काफी कर्ज लिया और बाक़ी का बैंक से लोन ले लिया। और अब जब घर लिया तो पूजा भी की और अपने गांव के सभी रिस्तेदार लोगों को अपने खर्चें पर फ्लाइट से नए फ्लैट में पूजा में बुलाया और अपना पूरा घर और इंटेरियर दिखाया।



इन सब काम में उन्होंने २ महीने खर्च किये और २ करोड़ से ज्यादा रुपये जिसमें लगभग १ करोड़ ६० लाख का तो सिर्फ कर्ज था।  पर वो इस बात से खुश थे की उनकी पुरे रिस्तेदारों में उनका घर सबसे अच्छा है।

मेरे दूसरे दोस्त है शर्मा जी जिन्होंने अपने सभी रिश्तेदारों को कह के रखा था की उन्हें हैवी डिपाजिट पर घर चाहिए। और उन्हें अपने ही एक दोस्त सक्सेना जी से उनका फ्लैट जो की अँधेरी वेस्ट में स्टेशन के बाजु में ही हैं वो फ्लैट शर्मा जी ने सक्सेना जी से पुरे २० लाख रुपये हैवी डिपाजिट पर १० साल के लिए लिया।  (सक्सेना जी ने अपना फ्लैट हैवी डिपाजिट पर देने के बाद २० लाख रुपये से अपने गांव में एक बड़ा बंगला बनाया। )



और बचे हुए २० लाख रुपये में उन्होंने ४ अलग अलग बिज़नेस सुरु किये जिसमे सबसे पहला बिज़नेस था खुद का फैशन ज्वेलरी ब्रांड जिसे उन्होंने ऑनलाइन बेचना सुरु किया।

दूसरा उन्होंने एक कुरियर कंपनी की फ्रैंचाइज़ी ले ली और अपना एक और साइड बिज़नेस सुरु किया।

तीसरा उन्होंने एक आय. टी. कंपनी में पैसे इन्वेस्ट किये जो काफी अच्छी चल रही है।

चौथा उन्होंने पैसे म्यूच्यूअल फण्ड में लगाए।

इस तरह शर्मा जी ने अपने ५-५ लाख रुपये अलग-अलग बिज़नेस में लगाए।

पर दूसरी तरफ यादव जी का हाल बुरा होते जा रहा था उनका कर्ज उनके लिए बुरा वक़्त ले कर आया था और सब कर्जदार अब उन्हें परेशान करने लगे थे जिस वजह से वो बीमार पड़ने लगे और लगभग १ करोड़ ५० लाख का कर्ज अपने परिवार पर डाल कर यादव जी चल बसे।

परिवार पूरी तरह टूट गया और आखिर मैं साल भर बाद ही उन्होंने उस फ्लैट को १ करोड़ ६० लाख में बेच दिया और फिर से विरार में भाड़े के फ्लैट में शिफ्ट हो गए।

जबकि शर्मा जी अपने परिवार के साथ अब ज्यादा खुश है उनके उप्पेर कोई कर्ज नहीं है और नाही किसी प्रकार की उनकी देनदारी बची है।

हर किसी की अपनी कहानी होती हैं जरुरी नहीं सबका अंत बुरा ही हो शायद बहोत से लोगों का घर ख़रीदने का अनुभव अच्छा भी हो और उनकी जिंदगी खुशहाल भी हो।

सिर्फ सही वक़्त पर पैसों का सही इस्तेमाल करना आना चाहिए।

आप अपने अनुभव भी हमारे साथ शेयर कीजिये।